2025 बिहार विधानसभा चुनाव में जातीय समीकरण और पार्टी रणनीतियों का विश्लेषण

 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में जातीय समीकरण और पार्टी रणनीतियों का विश्लेषण

बिहार में जाति आधारित राजनीतिक समीकरण और 2025 विधानसभा चुनाव का विश्लेषण

बिहार की राजनीति जातीय समीकरणों पर आधारित है, और 2023 की जाति आधारित जनगणना के आंकड़ों ने इसे और स्पष्ट कर दिया है। राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अति पिछड़ा वर्ग (EBC), अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), मुस्लिम, और सवर्ण (उच्च जाति) समुदायों का अलग-अलग प्रभाव है। 2025 के विधानसभा चुनावों में जातीय समीकरण का महत्व सर्वोपरि रहेगा।

जातीय जनसंख्या आंकड़े (2023 की जाति जनगणना के अनुसार)

  1. अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC):

    • यादव: लगभग 14%
    • कुर्मी: लगभग 4%
    • कोइरी (कुशवाहा): लगभग 8%
    • अन्य OBC: 8-10%
  2. अति पिछड़ा वर्ग (EBC): 27-30%

    • इसमें नाई, कहार, धानुक, लोहार, मल्लाह जैसी जातियां शामिल हैं।
  3. अनुसूचित जाति (SC): 16%

    • प्रमुख जातियां: पासवान, दुसाध, चमार।
  4. अनुसूचित जनजाति (ST): 1-2%

    • मुख्य रूप से ठोढ़ा और संथाल जनजातियां।
  5. मुस्लिम समुदाय: 16.9%

  6. सवर्ण (ऊंची जातियां): 15%

    • ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत, कायस्थ।

जातीय समीकरण और 2025 के चुनावों में प्रमुख प्रभाव

1. अति पिछड़ा वर्ग (EBC)

  • सबसे बड़ा वोट बैंक (27-30%) होने के कारण निर्णायक भूमिका में रहेगा।
  • EBC का झुकाव पारंपरिक रूप से जदयू (JDU) की ओर रहा है।
  • भाजपा और जदयू को ग्रामीण विकास, शिक्षा और बुनियादी सेवाओं पर ध्यान देकर इस वर्ग का विश्वास जीतना होगा।

2. मुस्लिम समुदाय

  • मुस्लिम मतदाता (16.9%) चुनाव परिणामों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेंगे।
  • आरजेडी (RJD) और कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक रहा है।
  • RJD को यह सुनिश्चित करना होगा कि AIMIM जैसी पार्टियां मुस्लिम वोटों में सेंध न लगाएं।

3. यादव समुदाय (OBC)

  • यादव समुदाय (14%) पारंपरिक रूप से RJD का मजबूत आधार रहा है।
  • RJD को यादव-मुस्लिम गठबंधन को बनाए रखने के साथ EBC और अन्य जातियों में भी पैठ बनानी होगी।

4. अनुसूचित जाति (SC)

  • अनुसूचित जाति (16%) का झुकाव लोजपा (LJP) और भाजपा (BJP) की ओर देखा गया है।
  • भाजपा और लोजपा को दलितों के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाकर इस वोट बैंक को बनाए रखना होगा।

5. सवर्ण समुदाय (Upper Castes)

  • 15% जनसंख्या वाले सवर्ण मतदाता भाजपा और जदयू का पारंपरिक आधार रहे हैं।
  • भाजपा को सवर्णों को जोड़े रखने के लिए राष्ट्रवाद और विकास योजनाओं पर जोर देना होगा।

2025 के चुनावों में पार्टियों की रणनीति

भारतीय जनता पार्टी (BJP)

  • लक्षित वर्ग: EBC, सवर्ण, अनुसूचित जाति (SC)।
  • रणनीति:
    • गरीबों के लिए कल्याण योजनाएं, जैसे पीएम आवास योजना।
    • महादलित और ग्रामीण क्षेत्रों में सशक्तिकरण।
    • हिंदुत्व और राष्ट्रवाद पर फोकस।

राष्ट्रीय जनता दल (RJD)

  • लक्षित वर्ग: यादव, मुस्लिम, और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)।
  • रणनीति:
    • बेरोजगारी और शिक्षा पर फोकस।
    • मुस्लिम वोट बैंक को बनाए रखने के लिए सांप्रदायिकता विरोधी मुद्दे।
    • रोजगार और स्वास्थ्य सेवाओं की ओर ध्यान।

जनता दल यूनाइटेड (JDU)

  • लक्षित वर्ग: EBC, कुर्मी, कुशवाहा, और महिलाएं।
  • रणनीति:
    • नीतीश कुमार के सुशासन मॉडल पर जोर।
    • महिलाओं और ग्रामीण विकास की योजनाओं पर फोकस।
    • कृषि सुधार और गांवों में बुनियादी ढांचे का विकास।

लोजपा (LJP)

  • लक्षित वर्ग: अनुसूचित जाति (SC) और महादलित।
  • रणनीति:
    • रामविलास पासवान की विरासत को भुनाना।
    • युवाओं और दलित समुदाय के लिए रोजगार योजनाएं।

कांग्रेस

  • लक्षित वर्ग: मुस्लिम और सवर्ण।
  • रणनीति:
    • RJD के साथ गठबंधन को मजबूत करना।
    • सांप्रदायिकता विरोधी एजेंडे पर जोर देना।

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